प्राचार्य के अनुभव से यह बात सामने आई है कि क्षेत्र के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस आवश्यकता है, हमारे प्राध्यापकों को उनकी प्रतिभा निखारने की। महाविद्यालय जिन उद्देश्यों और लक्ष्य को लेकर स्थापित किया गया है, उसमें धीरे-धीरे हम आगे बढ़ रहे हैं। प्राध्यापकों एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को भी इस बेवसाइट से अपनी प्रतिभाओं को निखारने एवं इन्टरनेट परउपलब्ध ज्ञान को प्राप्त करने में सुविधा होगी।
मेरा मानना है कि जो भी विद्यार्थी समय का पाबन्द होता है, वह सफलता अवश्य पाता है। कहावत है -समय बर्बाद, जीवन बर्बाद। बीता समय कभी वापस नहीं आता। अतः विद्यार्थियों को समय की कद्र करनी चाहिए। सफल होने के लिए कार्य करना ही सब कुछ है। जब तक आप कदम नहीं बढ़ाएंगे तब तक उसी स्थान पर खड़े रहेंगे, जितनी शीघ्रता से आप कार्य प्रारम्भ करेंगे, उतनी ही शीघ्रता से आप अपनी मंजिल पर पहुँचेंगे। यदि आप अन्य से अधिक चाहते हैं तो आपको उससे अधिक परिश्रम करना होगा।
जीवन में सफलता पाने के लिए प्रत्येक का अपना एक लक्ष्य, एक उद्देश्य होना जरूरी है। एक बार लक्ष्य तय हो जाये तथा वहाँ पहुँचने का रास्ता, तो फिर उस रास्ते से जाना और लक्ष्य प्राप्त होने तक चलते रहना सफलता का सबसे महत्वपूर्ण कदम है। लक्ष्य को मन में व्याप्त कर लें तो सफलता आपकी ओर खिंची चली आयेगी। एक बार माइकेल एंजोलो नाम के शिल्पकार से जब पूछा गया कि तुमने पत्थर को तराशकर इतनी सुन्दर मूर्ति कैसे बनाई? तो शिल्पकार ने कहा - ‘‘कुछ नहीं, मूर्ति पहले से ही पत्थर के अन्दर थी - मैंने सिर्फ पत्थर का अनावश्यक हिस्सा निकाल लिया।’’
और अन्त में आप जिस कक्षा में अध्ययन कर रहे हैं, पाठ्यक्रम व पढ़ाई में ध्यान केन्द्रित करें तथा सर्वोत्तम परिणाम प्रदर्शित करें तभी हमें प्रसन्नता प्राप्त होगी। अपना कुछ समय निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा में अर्पित करें तथा समाज सेवा भी करें तभी संसार का कल्याण होगा।